नई दिल्ली। T20 वर्ल्ड कप 2024 के वर्चुअल क्वार्टर फ़ाइनल की शुरुआत और उसका अंत मार्को यानसन की सफलता के साथ हुआ। हालांकि इस बीच में मैच का पासा लगातार पलटता रहा। साउथ अफ़्रीका रोमांचक जीत हासिल कर अब सेमीफ़ाइनल में है जबकि मेज़बान वेस्टइंडीज़ का सफ़र समाप्त हो गया है। साउथ अफ़्रीका ने इस टूर्नामेंट के इतिहास में लगातार सर्वाधिक सात जीत का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है।
अंतिम ओवर में साउथ अफ़्रीका को जीत के लिए पांच रनों की दरकार थी लेकिन पिछले कुछ ओवरों में साउथ अफ़्रीका के ऊपर दबाव इतना बढ़ गया था कि वेस्टइंडीज़ मैच से पूरी तरह से बाहर नहीं हुआ था और यह रॉस्टन चेज़ की बदौलत हुआ था जिन्होंने तीन झटके देकर मैच में रोमांच पैदा कर दिया था। लेकिन पहली पारी में आपस में टक्कर खाने वाले यानसन और कगिसो रबाडा की जोड़ी ने पांच गेंदों में मिलकर 14 रन बटोर लिए।
साउथ अफ़्रीका को 20 ओवरों में 136 रनों का लक्ष्य मिला था लेकिन मौसम ने साउथ अफ़्रीका की पारी की ख़राब शुरुआत के साथ ही करवट ले ली थी। साउथ अफ़्रीका को जीत हासिल करने में इतनी मुश्किल नहीं आती अगर साउथ अफ़्रीका के पलड़े से एक जीते हुए मैच का रुख़ रॉस्टन चेज़, अल्ज़ारी जोसेफ़ और आंद्रे रसल ने वेस्टइंडीज़ की तरफ़ मोड़ ना दिया होता।
अंतिम तीन ओवरों में साउथ अफ़्रीका को जीत के लिए 19 रन बनाने थे और उस समय केशव महाराज और यानसन क्रीज़ में थे। खेल छोटा होने के चलते वेस्टइंडीज़ का कोई एक ही गेंदबाज़ अधिकतम चार ओवर कर सकता था इसलिए कप्तान रोवमन पॉवेल ने 15वां ओवर अपने सबसे प्रमुख गेंदबाज़ जोसेफ़ को थमा दिया और उन्होंने उस ओवर में सिर्फ़ छह रन ही दिए। जोसेफ़ से चार ओवर करवाने का मतलब था कि अब रसल गेंदबाज़ी के लिए उपलब्ध नहीं थे इसलिए पॉवेल ने चेज़ का रुख किया और उन्होंने दूसरी ही गेंद पर महराज को आउट कर दिया। हालांकि अगली दो गेंदों पर दो सिंगल आ गए और पांचवीं गेंद ने रबाडा और निकोलस पूरन दोनों को बीट कर दिया। बाय के दो रन आने के चलते अब सात गेंदों पर नौ रनों की दरकार थी और रबाडा ने अंतिम गेंद पर चौका जड़ दिया। ओबेद मकॉए अंतिम ओवर करने आए और पहली ही गेंद पर यानसन ने लॉन्ग ऑन पर छक्का जड़ दिया।
चेज़ की शुरुआत में क्विंटन डिकॉक ने धावा बोल दिया लेकिन दूसरे ही ओवर में रसल ने सलामी जोड़ी को पवेलियन लौटा दिया। इसके बाद बारिश आई और साउथ अफ़्रीका को 17 ओवर में 123 का लक्ष्य मिला। दोबारा खेल शुरू होने के बाद कप्तान ऐडन मारक्रम और ट्रिस्टन स्टब्स ने आक्रमण शुरू कर दिया। बारिश होने के चलते पहली पारी की तुलना में परिस्थितियां अब बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल हो गई थीं। हालांकि जोसफ़ ने जल्द ही मारक्रम को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया।
इसके बाद बल्लेबाज़ी करने आए हाइनरिक क्लासन ने गुडाकेश मोती के एक ही ओवर में तीन चौके और एक छक्का जड़कर आवश्यक रन रेट को नीचे कर दिया। साउथ अफ़्रीका आक्रामक शैली में लक्ष्य की ओर बढ़ रही थी लेकिन एक बार फिर जोसेफ़ आए और उनकी गेंद पर निकोलस पूरन ने क्लासन का बेहतरीन कैच लपक लिया। यहां से मैच का पासा पलटना शुरू हुआ। रसल एक छोर पर किफ़ायती गेंदबाज़ी करते रहे और दूसरे छोर पर चेज़ ने मिलर और स्टब्स को अपना शिकार बना लिया। नतीजा यह हुआ कि 9 से 16 ओवर के बीच साउथ अफ़्रीका की पारी में सिर्फ़ दो बाउंड्री ही आ पाईं।
इस पूरे मैच को अपनी गेंदबाज़ी से फंसाने वाले चेज़ ने अपने अर्धशतक की बदौलत भी अपनी टीम को एक लड़ने लायक स्कोर तक पहुंचाया था। हालांकि मैच को विजेयी शॉट से समाप्त करने वाले यानसन ने पहले ही ओवर में अपने कप्तान के पहले गेंदबाज़ी करने के निर्णय को सहित साबित करते हुए शे होप को पवेलियन भेज दिया और अगले ही ओवर की पहली गेंद पर मारक्रम ने पूरन का विकेट निकाल लिया।
यहां से इस टूर्नामेंट में अपना पहला मैच खेल रहे कायल मेयर्स के साथ मिलकर चेज़ ने 81 रन जोड़ते हुए वेस्टइंडीज़ की वापसी करा दी। हालांकि इसके बाद तबरेज़ शम्सी ने वेस्ट इंडीज़ की पारी पर लगाम लगाने की शुरुआत की। स्पिन को मददगार पिच को ध्यान में रखते हुए उन्हें प्लेइंग इलेवन में वापस लाया गया था और उन्होंने मेयर्स और शरफ़ेन रदरफ़ोर्ड का विकेट निकाल लिया। इन दो विकेटों के बीच केशव महराज ने भी कैरिबियाई कप्तान को पवेलियन भेज दिया था। हालांकि चेज़ अभी भी डटे हुए थे लेकिन 52 के निजी स्कोर पर शम्सी ने उन्हें भी अपना शिकार बना लिया।
रसल मैदान में आए थे और उनके ऊपर वेस्टइंडीज़ को एक अच्छे स्कोर तक पहुंचाने की ज़िम्मेदारी थी। उन्होंने अनरिख़ नॉर्खिये को लगातार दो छक्के भी लगाए लेकिन अंत में नॉर्खिये के ही डायरेक्ट थ्रो पर वो स्ट्राइक लेने के चक्कर में रन आउट हो गए। रसल के आने से पहले मार क्रम ने रबाडा से एक भी ओवर की गेंदबाज़ी नहीं कराई थी लेकिन उन्होंने रबाडा को 18वां ओवर सौंपा और उसी रबाडा का सामना करने के लिए दौड़े रसल स्ट्राइकर एंड तक नहीं पहुंच पाए। अगर रसल रन आउट नहीं होते तो संभव है कि वेस्टइंडीज़ के खाते में कुछ अतिरिक्त रन और होते जिसकी कमी ने अंत में साउथ अफ़्रीका को सेमीफ़ाइनल में पहुंचा दिया।
शम्सी, क्लासन और यानसन ने साउथ अफ़्रीका को सेमीफ़ाइनल में पहुंचाया
