दो दिवसीय आयोजन में संगीत, संस्कृति और पारंपरिक अनुभवों का आनंद
जयपुर। राजस्थान के झुंझुनूं जिले के डूंडलोद में 22 से 24 नवंबर 2024 तक पहला “सिंगिंग सैंड्स” लोक संगीत उत्सव आयोजित होने जा रहा है। इस आयोजन में राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत, संगीत, शिल्प और पारंपरिक खानपान का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।
डूंडलोद, जो अपने प्राचीन किलों और भव्य हवेलियों के लिए प्रसिद्ध है, इस बार दर्शकों को एक अनोखा अनुभव प्रदान करेगा। यह उत्सव राज्य के प्रसिद्ध कलाकारों को एक मंच प्रदान करेगा, जहां वे अपने पारंपरिक संगीत और नृत्य प्रस्तुत करेंगे। संस्कृति विशेषज्ञ विनोद जोशी के नेतृत्व में यह आयोजन किया जाएगा। गौरतलब है कि 275 वर्ष पुराने डूंडलोद किले की पृष्ठभूमि में, इस आयोजन में सिर्फ संगीत ही नहीं, बल्कि कई रोचक अनुभव भी शामिल होंगे। दर्शकों को लोक कलाकारों से मिलकर उनकी कला के बारे में जानने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, हाथों से बने शिल्प के सत्र, पारंपरिक राजस्थानी व्यंजनों का स्वाद चखने का अवसर और गांव की प्राचीन गलियों में हैरिटेज वॉक का भी आयोजन किया जाएगा। उत्सव के दौरान, डूंडलोद स्थित ठाकुर रघुवेंद्र सिंह के स्टड फार्म का दौरा भी करवाया जाएगा, जहां प्रसिद्ध मारवाड़ी घोड़ों का अद्भुत सफर भी अनुभव किया जा सकेगा।
आयोजकों का उद्देश्य
स्मृति और नवीन त्रिपाठी, जो इस आयोजन के सह-आयोजक हैं, का कहना है, “हम चाहते हैं कि दुनिया राजस्थान की सांस्कृतिक और सांगीतिक धरोहर को देखे और सराहे। यह आयोजन हमारे राज्य की समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करता है।” इस दो दिवसीय आयोजन में लगभग 20 से अधिक गतिविधियां होंगी, जिनमें शिल्प सत्र, फूड टेस्टिंग, लोक वाद्य यंत्र बजाना और खाना बनाने की परंपराओं के बारे में जानना शामिल है। शेखावाटी की यात्रा तब तक अधूरी है जब तक यहां की भव्य हवेलियों को न देखा जाए। उत्सव के दौरान इन हवेलियों का भ्रमण भी आयोजन का एक हिस्सा होगा, जो अतीत की झलक देगा।
राजस्थान में सिंगिंग सैंड्स लोक संगीत उत्सव का आगाज 22 नवंबर से
