नई दिल्ली। नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस की याचिका पर मीडिया दिग्गज सुभाष चंद्रा के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया। एनसीएलटी की दो सदस्यीय दिल्ली पीठ ने जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (जीईईएल) के चेयरमैन एमेरिटस चंद्रा के खिलाफ कारपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया (सीआइआरपी) शुरू करने का निर्देश दिया।चंद्रा एस्सेल समूह से जुड़ी कंपनी विवेक इन्फ्राकान लिमिटेड को दिए गए कर्ज के गारंटर थे। हालांकि, पीठ ने दो अन्य लेनदारों आइडीबीआइ ट्रस्टीशिप और एक्सिस बैंक द्वारा दायर इसी तरह की याचिकाओं को खारिज कर दिया। 2022 में विवेक इन्फ्राकान द्वारा लगभग 170 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करने के लिए बाद इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ने एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया था। विवेक इन्फ्राकान चंद्रा द्वारा प्रवर्तित एस्सेल ग्रुप का एक हिस्सा है।दिवालिया समाधान प्रक्रिया शुरू होने के बाद चंद्रा किसी भी संपत्ति को बेच नहीं सकेंगे। दरअसल, वर्ष 2019 में सरकार ने दिवालिया कानूनों के प्रविधानों में संशोधन किया था। जिसके बाद लेनदारों को व्यक्तिगत गारंटरों के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही दायर करने की अनुमति मिल गई है। इस प्रवधान को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने नवंबर, 2023 में इन प्रविधानों की वैधता को बरकरार रखा।