आर्थिक समानता ही लैंगिक समानता का आधार
जयपुर। विश्व समानता दिवस पर राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर व नारकोटिक्स अकादमी क्षेत्रीय कार्यालय जयपुर द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसको संबोधित करते हुए राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त सामाजिक कार्यकर्ता, डिजाइनर व हार्वर्ड स्पीकर डाॅ रूमा देवी ने बताया कि आर्थिक समानता लैंगिक समानता के लिए पहली आवश्यकता है। इसके लिए महिलाओं को सिर्फ काम नहीं करना बल्कि धन कमाना आना चाहिए। उन्होने कहा कि परिवार और समाज में महिलाओ के निर्णय को तभी महत्व मिल पाएगा जब वे स्वयं आर्थिक रूप से सक्षम होगी।
रूमा देवी ने राजस्थानी भाषा और पहनावे को गर्व के साथ अपनाने का आह्वान किया साथ ही भारत से बाहर रहने वाले प्रवासियों द्वारा मातृभाषा और पहनावे को प्रोत्साहित करने के लिए उनके लंदन जीमण उत्सव व लास वेगास के राजस्थानी दाल बाटी फेस्टिवल के संस्मरणों को अविस्मरणीय बताया।
इसी तरह राजसमंद की सामाजिक कार्यकर्ता भावना पालिवाल ने मासिक धर्म विषय पर किए कार्यो पर अपने विचार रखे तथा काव्यात्मक रूप से बेटीयों के सपने को बयां किया।
कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुए प्रधान अपर महाप्रबंधक संजय गुप्ता ने बताया कि विभाग ने विश्व समानता दिवस पर सफल महिला शख्सियतो से उनके प्रत्यक्ष अनुभव जानना हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। कार्यक्रम में देश के अलग-अलग भागो से संबंधित श्रोताओं ने अपने सवालो के जवाब वक्ताओं से प्राप्त किए।
विश्व समानता दिवस की सार्थकता तभी जब महिलाएँ स्वयं धन कमाये- रूमा देवी
