देर रात सोने की आदत और सुबह जल्दी उठने का दबाव, मन की उलझन और कामकाज का तनाव आज हाइपरटेंशन, फैटी लिवर और अनिद्रा जैसे विकारों को जन्म दे रहा है। तनावग्रस्त जीवनशैली के साथ खानपान से जुड़ी हमारी लापरवाही भी कम उम्र में ही इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या बनने लगी है। जर्नल आफ एंडोक्रोनोलाजिकल इन्वेस्टिगेशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार 15.5-46.6% वयस्क दुनियाभर में इंसुलिन प्रतिरोध की समस्या से जूझ रहे हैं।
इंसुलिन की यही समस्या एक दिन डायबिटीज टाइप-2 का कारण बन जाती है। यहां तक कि इससे हार्टअटैक की संभावना भी बढ़ जाती है। दूसरी ओर, महिलाओं में पीसीओडी यानी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम का भी कारण इससे जुड़ा हुआ है, जिसमें कम उम्र की महिलाओं को हार्मोन असंतुलन के कारण तकलीफों से गुजरना पड़ता है। ऐसे में मेडि. विभाग, एम्स, दिल्ली के डॉ. नवल विक्रम बता रहे हैं इंसुलिन रेजिस्टेंस से जुड़ी सभी जरूरी बातें-
क्या है इंसुलिन रेजिस्टेंस?
इंसुलिन रेजिस्टेंस में शरीर इंसुलिन हार्मोन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता। सेल्स हार्मोन के प्रति प्रतिक्रिया नहीं कर पातीं। ग्लूकोज आसानी से रक्त से कोशिकाओं में नहीं पहुंच पाता। जब तक पैनक्रियाज ज्यादा इंसुलिन बनाता है और पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन रिलीज करता है, तब तक ब्लड शुगर का स्तर एक सामान्य सीमा में बना रहता है, पर जब पैनक्रियाज खून में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता, तब ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ जाता है और वह मांसपेशियों व फैट सेल्स में जमा होने लगता है।
क्या है इंसुलिन?
इंसुलिन पैनक्रियाज द्वारा बनाया जाने वाला एक हार्मोन है। हम जो कुछ खाते हैं, वह ग्लूकोज के रूप में टूटकर शरीर में ऊर्जा का निर्माण करता है। इंसुलिन खून में मिलकर ग्लूकोज को मांसपेशियों और लिवर में प्रवेश करने में मदद करता है, ताकि वे अपनी गतिविधि के लिए खर्च होने वाली ऊर्जा के लिए इसका उपयोग कर सकें।
बन सकता है हार्ट अटैक का कारण?
इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण तेजी से वजन बढ़ सकता है। यह स्थिति को और बदतर बना देता है। इससे शरीर में कई मुश्किलें पैदा हो सकती हैं, जैसे- इससे ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ सकता है, धमनियां सख्त होने लगती हैं, हाइपरटेंशन की स्थिति गंभीर हो जाती है। ये सभी हार्ट अटैक का कारण बन सकती हैं।
लक्षण को जानें
जब हमारा शरीर इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया देने में कमजोर पड़ने लगता है, तो पैमक्रियाज इसकी भरपाई के लिए बहुत प्रयास करता है। वह कुछ संकेत देना शुरू कर देता है। जैसे-बहुत ज्यादा प्यास लगेगी, बार-बार यूरिन जाने की जरूरत होगी, ऊर्जा का स्तर कम होता जाएगा, भूख लगना, सिर दर्द व मतिभ्रम जैसी स्थिति या कभी त्वचा में संक्रमण जैसी स्थिति उत्पन्न होगी। अचानक वजन बढ़ना भी इसके कुछ मुख्य लक्षण में से एक है।
बच सकते हैं डायबिटीज से
यह सही है कि इंसुलिन रेजिस्टेंस बना रहे तो यह डायबिटीज का कारण बन सकता है, पर समय रहते आपने उचित सावधानी बरती, तो इसके विपरीत भी हो सकता है यानी आप डायबिटीज से बचाव कर सकते हैं। इसके लिए इन बातों का रखें ध्यान-
लंबे -लंबे समय तक बैठे रहने की आदत तुरंत बदलें।
वाहन के बजाय पैदल चलने का अभ्यास करें।
कसरत न कर सकें तो रोजाना स्ट्रेचिंग करना न भूलें।
भोजन में सिंपल कार्ब यानी ब्रेड, केक, मीठी चीजों से शरीर को तुरंत शुगर मिलता है, पर जटिल कार्ब, जैसे-ओट्स, श्रीअन्न से फाइबर युक्त पोषण प्राप्त होता है।
फैटी लिवर, मोटापा इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाने वाला कारक है। बचाव के लिए कैलोरी प्रबंधन का ध्यान रखें।
दिनचर्या में खानपान व नींद से कोई समझौता न हो।
आप आहार में बदलाव कर काफी हद तक इंसुलिन प्रतिरोध को ठीक कर सकते हैं।
अगर आप डाइट में बदलाव कर इसे ठीक नहीं कर पा रहे हैं तो चिकित्सक से परामर्श में देर न करें।
इनसे करें परहेज
सफेद ब्रेड
आलू या स्टार्च रिच फूड्स
बहुत ज्यादा मीठा जैसे,पेय पदार्थ, केक, कुकीज आदि
इन्हें अपनाएं
फलियां, हरी सब्जियां
सेब और जामुन जैसे फल
चोकर युक्त आटा
मछली, मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स आदि।
इनएक्टिविटी है बड़ा खतरा
इंसुलिन रेजिस्टेंस के बड़े कारणों में आनुवंशिक कारण भी है, लेकिन बीते दशकों में अनियमितता या यूं कहें खराब जीवनशैली एक बड़ा कारण बन गई है। लोग घर हो या वर्कप्लेस लगातार बैठकर काम करते हैं, खानपान में कार्बोहाइड्रेट, फैट आदि के सेवन के प्रति सचेत नहीं रहते। व्यायाम का अभाव और खानपान के प्रति सजगता नहीं होने के कारण मांसपेशियों में लगातार बनने वाली ऊर्जा खर्च नहीं होती।
इससे फैट लगातार जमा होता रहता है, जो मोटापे की ओर ले जाता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्राल बढ़ना शुरू हो जाता है। फैटी लिवर और नींद से जुड़ी समस्याएं घर करने लगती हैं यानी एक ऐसी साइकिल बन जाती है, जो आने वाले समय में कई जानलेवा और गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकता है।
बिगड़ती लाइफस्टाइल की वजह से लोग कई समस्याओं का शिकार हो रहे
