नई दिल्ली। हाइपरटेंशन एक गंभीर समस्या है, जिससे दुनियाभर में करोड़ों लोग पीड़ित हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक दुनियाभर में लगभग 128 करोड़ लोग हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हैं, लेकिन इनमें से कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें अपनी इस कंडिशन के बारे में पता भी नहीं है। इसके कारण Hypertension की समस्या गंभीर होती जाती है और कई मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है।
हाइपरटेंशन को Gestational Hypertension कहते हैं, जो ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से होता है। आमतौर पर, प्रेग्नेंसी में 20 हफ्ते के बाद शुरू होता है और डिलीवरी के बाद ठीक हो जाता है, लेकिन अगर गर्भावस्था के दौरान इसका इलाज न किया जाए, तो यह प्रीएक्लेम्प्सिया की वजह भी बन सकता है, जो बच्चे और मां दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है।
Gestational Hypertension को मैनेज करने और इससे बचाव करने के लिए कुछ जरूरी बातों का ख्याल रखना जरूरी है।
हेल्दी लाइफस्टाइल- संतुलित आहार खाएं, जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल करें। इसके अलावा, फिजिकली एक्टिव रहें और अपने डॉक्टर से पूछकर एक्सरसाइज करें। इससे हेल्दी वजन मेंटेन रहेगा, जो प्रेग्नेंसी में काफी जरूरी है और इसके बाद भी स्वस्थ रहने के लिए सही वजन होना जरूरी है।
ब्लड प्रेशर नियमित रूप से चेक करें- अगर आपके साथ पहले हाइपरटेंशन की समस्या रही है, तो आपके डॉक्टर आपको नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चेक करने की सलाह दे सकते हैं, ताकि अगर बीपी बढ़े, तो आप तुरंत उनसे संपर्क कर सकें। इसके अलावा, नियमित ब्लड प्रेशर की जांच इसलिए भी जरूरी है, ताकि अगर जेस्टेशनल हाइपरटेंशन का रिस्क हो, तो उसका पता लगाया जा सके। इसके अलावा, रोज भरपूर मात्रा में पानी पीएं, क्योंकि डिहाइड्रेशन की वजह से भी ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है।
स्ट्रेस मैनेज करें- तनाव हाइपरटेंशन का बड़ा कारण हो सकता है। इसलिए स्ट्रेस मैनेजमेंट बेहद जरूरी है। इसके लिए डीप ब्रीदिंग, मेडिटेशन या प्रीनेटल योग करें।
नमक सीमित मात्रा में खाएं- ज्यादा नमक खाने की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इसलिए खाने में नमक की मात्रा को कम करें।
दवाओं की मदद लें- प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए दवाओं की भी जरूरत पड़ सकती है। इसलिए अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही किसी भी दवा का सेवन करें। अगर आपके डॉक्टर को महसूस होता है कि यह कंडिशन काफी गंभीर होती जा रही है, तो वह आपको बेड रेस्ट की सलाह भी दे सकते हैं।
फीटल हेल्थ मॉनिटर करें- जेस्टेशनल हाइपरटेंशन की वजह से होने वाली किसी भी समस्या का पता लगाने के लिए जरूरी है कि बच्चे के विकास को नियमित तौर से मॉनिटर किया जाए। इसके लिए डॉक्टर से मिलकर नियमित जांच करवाएं।
डिलीवरी- जेस्टेशनल हाइपरटेंशन आमतौर पर डिलीवरी के बाद ठीक हो जाता है। इसलिए अगर आपका बीपी ज्यादा बढ़ गया है या इससे कोई परेशानी होने का जोखिम है, तो आपके डॉक्टर कुछ मामलों में जल्दी लेबर इंड्यूस करने की सलाह भी दे सकते हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान खतरनाक हो सकता है गेस्टेशनल हाइपरटेंशन
