जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप विकसित भारत-विकसित राजस्थान का संकल्प तेजी से सिद्धि की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोक कल्याण को एकमात्र ध्येय मानकर ऐसी योजनाएं क्रियान्वित कर रही है जिससे प्रदेश के शिक्षा, चिकित्सा, बिजली, पानी, आधारभूत संरचनाओं जैसे बुनियादी क्षेत्रों की दिशा और दशा निरंतर बदल रही है और एक सशक्त-समृद्ध राजस्थान का भविष्य सुनिश्चित हो रहा है।
शर्मा मुख्यमंत्री निवास पर विकसित राजस्थान-2047 के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु विजन डॉक्यूमेंट को लेकर बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति में कार्ययोजना और उसकी क्रियान्विति की सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। निर्धारित लक्ष्यों को समय पर हासिल करके ही इच्छित परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये विजन डॉक्यूमेंट एक कागज नहीं, बल्कि राजस्थान के विकास का मार्ग है जिसे हम धरातल पर चरणबद्ध रूप से उतारेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 के दीर्घकालीन लक्ष्य तक पहुंचने के लिए मध्यावधि लक्ष्य तय कर उन पर फोकस किया जाए। विकसित राजस्थान के लक्ष्य की प्राप्ति में 8 करोड़ प्रदेशवासियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, अतः विजन डॉक्यूमेंट में आमजन के सुझाव भी शामिल किए जाएं।
ग्रामीण विकास से ही विकसित भारत का संकल्प होगा साकार-
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास प्रदेश ही नहीं, देश के विकास की धुरी है। गांवों की तरक्की के बिना विकसित भारत का संकल्प साकार नहीं हो सकता, इसलिए हमें ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की दृष्टि से उनकी आय के स्रोत बढ़ाने वाले संसाधन उपलब्ध कराने पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही लघु, कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन, गांवों में सोलर प्लांट, फल-सब्जी मंडी, दूध संकलन केन्द्र आदि की स्थापना से पंचायतों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आधारभूत ढांचे को मजबूत कर महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर तथा युवाओं का कौशल विकास कर हम ग्रामीण आबादी का शहरों की ओर पलायन रोक सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को किसानों की आय में सुधार और उनकी फसल की उत्पादकता में वृद्धि लाते हुए प्रदेश में सहकार आधारित अर्थव्यवस्था के लिए ठोस कदम उठाने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण एवं सुनियोजित दोहन कर विकास कार्य किए जाएं ताकि भावी पीढ़ी को संसाधनों की कमी न हो।
प्रत्येक पात्र व्यक्ति को लाभान्वित करने के लिए विकसित हो प्रणाली-
शर्मा ने कहा कि वंचितों को वरीयता देते हुए राजस्थान को वर्ष 2047 तक समावेशी रूप से विकसित राज्य बनाना है। प्रदेश में ऐसी प्रणाली विकसित की जाए जिससे सामाजिक योजनाओं के लाभ से कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित नहीं रहे। उन्होंने सभी को शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध कराने पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा को कौशलपरक एवं रोजगारोन्मुखी भी बनाया जाए। साथ ही, विद्यार्थियों को समय-समय पर कैरियर परामर्श देकर उन्हें तनावमुक्त बनाया जाए।
महिलाओं-बच्चों के पोषण पर दिया जाए विशेष ध्यान-
मुख्यमंत्री ने गांव-ढाणी से लेकर कस्बों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में भी आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। उन्होंने कहा कि स्वस्थ दिनचर्या अपनाने के लिए नागरिकों को प्रेरित किया जाए और डायबिटीज व ब्लड प्रेशर जैसी जीवन शैली से जुड़ी बीमारियों के बारे में स्कूली शिक्षा के माध्यम से जागरूक किया जाए। शर्मा ने आभा आईडी के माध्यम से प्रदेशवासियों का हेल्थ रेकार्ड मेंटेन करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के साथ ही महिलाओं एवं बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान देने के लिए निर्देशित किया।
दुर्घटनाओं में कमी के लिए वाहनों की गति पर लगे अंकुश-
शर्मा ने कहा कि शहरी क्षेत्रों की आवास समस्या दूर करने के लिए मल्टीस्टोरी कंसेप्ट को अपनाना आवश्यक है। जनता का आवागमन सुगम करने की दृष्टि से प्रदूषण मुक्त सार्वजनिक परिवहन सेवाएं विकसित की जाएं। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से वाहनों की गति पर अंकुश लगाने के साथ ही यातायात नियमों की सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाए। उन्होंने राज्य से होकर गुजरने वाले राजमार्गों एवं अन्य सड़कों के किनारे पौधारोपण अभियान चलाने के भी निर्देश दिए।
पानी का दुरूपयोग रोकें, जरूरतमंद तक पहुंचे जल-
मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 से 20 जून तक संचालित ‘वंदे गंगा’ जल संरक्षण जन अभियान के अंतर्गत जल संचयन संरचनाओं का निर्माण, जलाशयों का पुनरुद्धार, बांध, एनीकट, नहरों की मरम्मत, वर्षा-जल संचयन संरचनाओं और पर्यावरण संवर्धन से जुड़े कार्य किए जा रहे हैं। इस अभियान से जल संग्रहण में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ अभियान के तहत राज्य में 40 हजार से अधिक जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण किया किया जा रहा है जिससे भूजल स्तर बढ़ेगा। उन्होंने मरूस्थलीय पौधों के विकास व पानी के दुरुपयोग को रोकने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया।
उल्लेखनीय है कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘विकसित भारत-2047’ का विजन पेश किया है। इसके चार प्रमुख संकल्पों के परिपेक्ष्य में विकसित राजस्थान-2047 हेतु विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने, उसकी प्रगति एवं निगरानी हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया गया है। विकसित राजस्थान-2047 का रोडमैप तैयार करते हुए राज्य के प्रमुख 45 विभागों को 13 सेक्टर्स में बांटा गया है। सभी विभागों के समन्वय से तैयार विजन डॉक्यूमेंट पर नीति आयोग से सुझाव प्राप्त करने के बाद प्रदेश के विकास का यह दस्तावेज तैयार किया जा रहा है।
गांव-ढाणी तक पहुंचे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं, स्वस्थ जीवनशैली पर हो जोर- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
