अहमदाबाद में पंजाब किंग्स को फ़ाइनल में रोमांचक मैच में दी 8 रन से शिकस्त
नई दिल्लीा। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने अहमदाबाद में मंगलवार को फ़ाइनल में पंजाब किंग्स (PBKS)को छह रनों से हराकर 18 सालों में पहली बार IPL ख़िताब का सपना पूरा किया। पहले RCB के बल्लेबाज़ों के संयुक्त योगदान के बाद गेंदबाज़ों के दमदार प्रदर्शन की बदौलत पंजाब किंग्स लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाई। इसी के साथ IPL को भी अपना एक नया चैंपियन मिल गया।
191 रनों का पीछा करने उतरी पंजाब किंग्स की शुरुआत तो अच्छी रही, लेकिन जैसे ही उनके ओपनर पवेलियन लौटे RCB ने मैच पर अपनी पकड़ बनानी शुरू कर दी थी। RCB को सबसे बड़ी सफलता तब मिली जब श्रेयस अय्यर मात्र एक रन बनाकर पवेलियन लौट गए। यहां से RCB को अपनी पहली ट्रॉफ़ी दिखने लगी थी, लेकिन दूसरे छोर पर जॉश इंग्लिस खड़े थे और वह लगातार प्रहार कर रहे थे। तीन ओवर बाद जह इंग्लिस भी 23 गेंद पर 39 रन बनाकर आउट हो गए तो RCB के जीत के दरवाज़े खुलने लगे थे।

पंजाब किंग्स के अनुभवहीन भारतीय बल्लेबाज़ ख़ासकर नेहाल वढेरा पूरी तरह से दबाव में आ गए। उन्होंने शुरुआती सात गेंद में केवल दो रन बनाए थे। बाद में उन्होंने एक छक्का जरूर लगाया लेकिन एक बड़े मैच में 18 गेंद में 15 रन बनाना उनका टीम के लिए भारी पड़ गया। इस बीच मौक़े का फ़ायदा उठाकर क्रुणाल पंड्या ने एक बेहद ही बेहतरीन स्पैल डाला जहां पर उन्होंने चार ओवर में मात्र 17 रन देकर दो विकेट लिए। अंत में शशांक सिंह जरूर क्रीज़ पर खड़े थे। उन्होंने अर्धशतक जरूर लगाया, लेकिन आखिरी ओवर में जरूरी 30 रन नहीं बना पाए। पहली दो गेंद डॉट होने का मतलब था कि अब RCB 18 सालों में पहली बार चैंपियन बनने जा रहा था। क्रुणाल के अलावा भुवनेश्वर कुमार ने अहम दो विकेट लिए।
इससे पहले, फ़िल सॉल्ट ने RCB को तेज़ शुरुआत दिलाई, लेकिन दूसरे ही ओवर में जेमीसन ने उनका विकेट निकालकर पंजाब किंग्स को बड़ी सफलता दिलाई। विराट कोहली इस पारी में एंकर तो करते दिखे लेकिन उन्होंने इस पारी में रिस्क ही नहीं लिया। जब मयंक अग्रवाल क्रीज़ पर आए तो कोहली ने उनको ही लगातार स्ट्राइक देने की कोशिश की। कुछ देर तक अग्रवाल क़ामयाब भी हुए और उन्होंने दो चौके और एक छक्का लगाया। लेकिन जल्दी ही वह युज़वेंद्र चहल की गेंद पर अर्शदीप सिंह को कैच थमा गए जो इस मैच में चहल का एकमात्र विकेट भी था। इसके बाद कप्तान रजत पाटीदार आए और कोहली ने इनके साथ भी भी स्ट्राइक देने का काम जारी रखा। लेकिन पाटीदार भी एक चौका और दो छक्के लगाने के बाद जेमीसन की गेंद पर प्लंब हो गए और यहां से RCB की दिक्कतें बढ़नी शुरू हो गई थी। 10.5 ओवर तक स्कोर केवल 96 रन बना था और यहां से एक और विकेट मुश्किलें बढ़ा सकता था। हुआ भी ऐसा ही RCB ने अगला विकेट गंवाया भी तो कोहली का, जो 35 गेंद में 43 रन बनाकर खेल रहे थे और केवल तीन चौके लगाए थे। अज़मतुल्लाह ओमरज़ई की बैक ऑफ़ लेंथ गेंद पर वह पुल करने के प्रयास में उनको ही कैच थमा बैठे। 15 ओवर समाप्त हो गए थे और स्कोर में सिर्फ़ 131 रन जुड़े थे। यहां पर जितेश शर्मा ने जिदारी दिखाई और 10 गेंद में दो चौके और दो छक्कों की मदद से 24 रन बनाए और टीम को 190 रनों के स्कोर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।